गुरुवार की सुबह, जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में एक ऐसा मंजर सामने आया जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एक CRPF वाहन जो कि 187वीं बटालियन के जवानों को लेकर जा रहा था, अचानक अनियंत्रित होकर सड़क से फिसल गया और लगभग 200 फीट गहरी खाई में जा गिरा। इस भयानक हादसे में जम्मू‑कश्मीर में CRPF के तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि 15 से अधिक घायल हो गए।
जवान लौट रहे थे ड्यूटी से
यह हादसा बसंतगढ़ के पास हुआ, जब जवान ड्यूटी खत्म कर अपने बेस की ओर लौट रहे थे। कुल 23 जवान वाहन में सवार थे। किसी को क्या पता था कि जिन रास्तों से रोज़ गुजरते हैं, वही रास्ता इस बार उनकी ज़िंदगी बदल देगा। दो जवानों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया और तीसरे जवान ने अस्पताल ले जाते समय आखिरी सांस ली।
हादसे के बाद की अफरा-तफरी
जैसे ही हादसे की जानकारी मिली, स्थानीय लोग और सुरक्षा एजेंसियां तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं। घायल जवानों को खाई से निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। यह इलाका पहाड़ी और जंगली होने के कारण राहत कार्य में समय लगा, लेकिन इंसानियत और जज्बे ने एक बार फिर जीत हासिल की।
घायलों की स्थिति चिंताजनक
करीब पांच जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें उधमपुर और जम्मू के बड़े अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। बाकी जवानों को प्राथमिक उपचार के बाद निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी देखभाल कर रही है।
अधिकारियों और नेताओं की प्रतिक्रिया
इस हादसे पर देशभर से संवेदनाएं जताई जा रही हैं। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर स्थानीय प्रशासन तक ने जवानों की मौत पर दुख व्यक्त किया है। अधिकारियों ने घायलों को बेहतर इलाज दिलाने और उनके परिवारों को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिलाया है।
एक सवाल: सड़कें कब होंगी सुरक्षित?
यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि पहाड़ी इलाकों में तैनात सुरक्षा बलों के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं होते? इस मार्ग पर गार्ड रेल या चेतावनी संकेत नहीं थे। क्या ये हादसा रोका जा सकता था? शायद हाँ, अगर सड़कों की स्थिति पर समय रहते ध्यान दिया जाता।
उन परिवारों का क्या जिन्होंने अपनों को खोया?
जम्मू‑कश्मीर में CRPF के तीन जवानों की मौत सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि तीन परिवारों का संसार उजड़ गया है। माँ-बाप जिन्होंने बेटे को देश सेवा के लिए भेजा था, अब उन्हें उसकी वर्दी में लिपटी शव की सूचना मिली है। एक पत्नी ने पति को सुबह फोन पर "जल्दी आना" कहा था, अब वो उस कॉल की आखिरी याद बन चुकी है।
लोगों की मदद ने दिखाई एकजुटता
घटना के तुरंत बाद आसपास के गांवों से लोग दौड़े-दौड़े आए और घायल जवानों को निकालने में हाथ बंटाया। यह दिखाता है कि जब बात जान बचाने की हो, तो इंसानियत हर दीवार तोड़ देती है।
CRPF ने जताया दुख
CRPF के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हादसे पर शोक जताया है और घटना की जांच के आदेश दिए हैं। माना जा रहा है कि तकनीकी खामी, खराब सड़क या ड्राइवर की चूक हादसे की वजह हो सकती है। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।
देश को अपने जवानों पर गर्व
इन जवानों ने देश की सेवा के दौरान अपनी जान गंवाई है। ऐसे में यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं बल्कि एक बलिदान भी है। जम्मू‑कश्मीर में CRPF के तीन जवानों की मौत हम सभी के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा केवल सीमा पर ही नहीं, बल्कि यात्रा के दौरान भी ज़रूरी है।
निष्कर्ष
यह हादसा एक गहरा जख्म छोड़ गया है। जब देश के रक्षक ही अपनी सुरक्षा के लिए मोहताज हो जाएं, तो यह समय है सोचने का। जम्मू‑कश्मीर में CRPF के तीन जवानों की मौत ने हमें यह सिखाया कि हमें अपने सुरक्षाबलों के लिए बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए – चाहे वो मोर्चे पर हों या सफर में।