13 साल के साले की जान ली मस्जिद के इमाम ने

हैवानियत की हदें पार: इमाम ने नाबालिग से किया कुकर्म, मौत

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में एक ऐसी शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। धार्मिक स्थलों पर समाज को सही राह दिखाने वाले एक इमाम ने अपने ही नाबालिग साले के साथ दरिंदगी की हदें पार कर दीं। इस घिनौनी हरकत के बाद मासूम की मौत हो गई, जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। यह घटना हापुड़ के हाफिजपुर थाना क्षेत्र की है, जहां मस्जिद का इमाम बना हैवान ने समाज के विश्वास को तार-तार कर दिया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी इमाम शहजाद को गिरफ्तार कर लिया है और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

एक भरोसे का कत्ल

घटना की शुरुआत तब हुई जब आरोपी इमाम शहजाद ने अपने 13 साल के साले को अपने पास बुला लिया। यह मासूम अपने जीजा पर पूरा भरोसा करता था, क्योंकि वह न केवल उसका रिश्तेदार था बल्कि एक धार्मिक नेता भी था। कोई सोच भी नहीं सकता था कि जिस पर परिवार ने इतना भरोसा किया, वही इतना जघन्य अपराध कर सकता है। बताया जा रहा है कि इमाम शहजाद पिछले काफी समय से बच्चे के साथ मारपीट करता था। यह घटना एक बार की नहीं, बल्कि कई बार की गई हैवानियत का नतीजा थी।

एक धार्मिक व्यक्ति का ऐसा व्यवहार न केवल उस पद की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि पूरे समाज को झकझोर देता है। यह घटना दर्शाती है कि अपराध का कोई चेहरा नहीं होता और वह कहीं भी, किसी भी रूप में सामने आ सकता है। मस्जिद का इमाम बना हैवान की इस करतूत ने लोगों के मन में गुस्सा और आक्रोश भर दिया है।

मौत के बाद खुला राज

घटना के बाद मासूम की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। आरोपी इमाम ने परिवार को गुमराह करने की कोशिश की। उसने बताया कि बच्चे की मौत बीमारी के कारण हुई है। परिवार को भी पहली नजर में उसकी बात पर यकीन हो गया, क्योंकि कौन सोचेगा कि एक जीजा अपने साले के साथ ऐसी घिनौनी वारदात को अंजाम दे सकता है।

लेकिन जब बच्चे के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था, तो परिजनों ने उसके शरीर पर चोट के कई गंभीर निशान देखे। यह देखकर उन्हें शक हुआ। इमाम की पत्नी यानी मृतक की बहन ने हिम्मत दिखाते हुए अपने बड़े भाई को बताया कि उनके पति ने ही उनके छोटे भाई के साथ गलत काम किया है। इस खुलासे के बाद परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई और मातम का माहौल गुस्से में बदल गया। परिवार ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी।

कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारी

परिवार की शिकायत के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। हापुड़ पुलिस ने आरोपी इमाम शहजाद के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115 (2) और 105 (3,4,2) के साथ-साथ POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी इमाम को गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया है। यह खबर फैलते ही इलाके में तनाव का माहौल बन गया। लोग इमाम के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी और आरोपी को सख्त सजा दिलाई जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किस तरह कुछ लोग धार्मिक आवरण में छिपकर ऐसे अपराधों को अंजाम देते हैं। मस्जिद का इमाम बना हैवान, यह शब्द आज हर किसी की जुबान पर है।

समाज और धर्म पर सवाल

यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं है, बल्कि यह समाज और धर्म के नाम पर फैले भरोसे पर एक गहरा घाव है। एक इमाम का काम समाज को नैतिकता और ईमानदारी का पाठ पढ़ाना होता है, लेकिन जब वही इमाम अपने निजी स्वार्थ के लिए ऐसा जघन्य अपराध करता है, तो यह कई सवाल खड़े करता है। यह घटना धर्म का सम्मान करने वाले लोगों के लिए भी बेहद दुखद है, क्योंकि ऐसे लोग पूरे समुदाय का नाम खराब करते हैं। यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में जल्द से जल्द और सख्त से सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा करने की हिम्मत न कर सके। मस्जिद का इमाम बना हैवान, ऐसे अपराधियों के लिए कोई माफी नहीं होनी चाहिए।

परिवार की पीड़ा और न्याय की मांग

पीड़ित परिवार इस समय गहरे सदमे में है। एक तरफ उन्होंने अपना मासूम बच्चा खोया है, वहीं दूसरी तरफ उनके अपने ही रिश्तेदार ने इस घटना को अंजाम दिया है। मृतक के बड़े भाई ने पुलिस को बताया कि उनका जीजा अक्सर उनके छोटे भाई को मारता-पीटता था। यह जानकर परिवार को और भी गहरा सदमा लगा है। परिवार ने पुलिस से मांग की है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि उनके बच्चे को न्याय मिल सके। इस दुख की घड़ी में पूरा गांव उनके साथ खड़ा है और न्याय की लड़ाई में उनका साथ दे रहा है।

यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी भी है। हमें अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति और अधिक जागरूक होना होगा। हमें यह समझना होगा कि अपराध किसी भी रूप में और किसी भी जगह से आ सकता है। मस्जिद का इमाम बना हैवान जैसी घटनाएं हमें सिखाती हैं कि हमें हर रिश्ते और हर व्यक्ति पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए।

FAQ

यह शर्मनाक घटना उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के हाफिजपुर थाना क्षेत्र की है। यह हाल ही में सामने आई है, जिसमें एक इमाम ने अपने नाबालिग साले के साथ दरिंदगी की थी।

आरोपी का नाम इमाम शहजाद है, जो पीड़ित का जीजा (बहन का पति) है। वह एक मस्जिद में इमाम के पद पर कार्यरत था।

पीड़ित बच्चा केवल 13 वर्ष का था, जो अपने जीजा पर विश्वास करता था।

शुरुआत में इमाम ने बच्चे की मौत का कारण बीमारी बताया। लेकिन जब अंतिम संस्कार से पहले परिजनों ने शव पर गंभीर चोटों के निशान देखे, तो संदेह हुआ और इमाम की पत्नी ने पूरी सच्चाई उजागर की।

नहीं, यह घटना एक बार की नहीं थी। बताया गया है कि आरोपी पहले भी कई बार बच्चे के साथ मारपीट करता रहा था।

पुलिस ने BNS की धारा 115 (2), 105 (3,4,2) और POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

हां, पुलिस ने आरोपी इमाम शहजाद को गिरफ्तार कर लिया है और उसे जेल भेज दिया गया है।

घटना के बाद पूरे इलाके में गुस्से और आक्रोश का माहौल है। लोग आरोपी के खिलाफ कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं।

परिवार ने मांग की है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि उनके मासूम बच्चे को न्याय मिल सके और ऐसा अपराध दोबारा न हो।

यह घटना बताती है कि हमें आंख बंद करके किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए, चाहे वह कितना भी धार्मिक या करीबी क्यों न हो। बच्चों की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना जरूरी है।