उत्तर भारत में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। भारत मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में 18 और 19 जून को भारी बारिश, गरज-चमक और तेज़ हवाओं का अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट उन इलाकों के लिए खासतौर पर महत्वपूर्ण है जहां पहले से ही नदियाँ खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।
यूपी के 30 से अधिक जिले अलर्ट पर
उत्तर प्रदेश के 30 से अधिक जिलों में तेज़ बारिश और 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने किसानों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे खुले में ना निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, फैजाबाद जैसे जिलों में अधिक प्रभाव की संभावना है।
राज्य सरकार ने संबंधित प्रशासनिक इकाइयों को सतर्क किया है और बचाव टीमों को तैयार रहने को कहा है।
बिहार के दक्षिण और उत्तर हिस्सों में अलग प्रभाव
बिहार में मौसम का असर क्षेत्रवार अलग दिखाई दे रहा है। दक्षिणी जिलों जैसे गया, नवादा, और औरंगाबाद में भारी बारिश की चेतावनी है, जबकि उत्तर बिहार के जिलों—सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी—में वज्रपात और तेज़ आंधी की संभावना जताई गई है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी से उठे मानसूनी सिस्टम के कारण यह अचानक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। मौसम की यह सक्रियता अगले 48 घंटों तक बनी रह सकती है।
बिजली गिरने की आशंका, सतर्क रहने की अपील
उत्तर और पूर्वी बिहार में बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ने की आशंका है। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे खड़े ना हों। खेतों में काम कर रहे किसानों को भी सावधानी बरतने को कहा गया है।
हर साल बिजली गिरने से सैकड़ों लोगों की जान जाती है, इसलिए इस मौसम चेतावनी को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।
क्या करना चाहिए इस मौसम में
मौसम से जुड़ी घटनाओं से बचने के लिए नागरिकों को चाहिए कि वे मौसम विभाग की ताज़ा जानकारी पर ध्यान दें। ज़रूरत न हो तो घर से बाहर ना निकलें। अपने मोबाइल में मौसम अलर्ट सेवा को एक्टिव रखें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।