Seized drugs: white powder, syringe, packets found by polic

मिजोरम में 350 करोड़ की ड्रग्स जब्ती, तस्करों पर कसा शिकंजा

मिजोरम की शांत घाटियों में रविवार सुबह एक बड़ा धमाका हुआ, जब पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने Aizawl के पास 350 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं जब्त कर तस्करी के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा किया। अधिकारियों के मुताबिक, यह मिजोरम और पूर्वोत्तर भारत की अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स पकड़ है।

कैसे हुआ मिजोरम ड्रग्स ऑपरेशन?

1 अगस्त की सुबह Zemabawk–Seling रास्ते पर पुलिस को एक पिकअप ट्रक की भनक लगी। सर्च के दौरान 20.3 किलो मेथ (Methamphetamine) और 1.65 किलो हेरोइन (128 साबुन डिब्बों में छिपी हुई) बरामद हुई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत क्रमशः लगभग 300 करोड़ और 49.6 लाख आंकी गई।

आरोपी कौन, तस्करी किसने की?

पुलिस ने मौके पर ट्रक चालक बी. लालथाजुआला (45 वर्ष) को गिरफ्तार किया, जो Aizawl के Republic Mual Veng इलाके के निवासी हैं। NDPS एक्ट और IPC की अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस जांच इस बात की ओर इशारा करती है कि यह पूरा नेटवर्क म्यांमार सीमा से है और इसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं।

क्यों बढ़ रही है मिजोरम में ड्रग्स तस्करी?

  • सीमावर्ती इलाका: म्यांमार और लाओस से सटे सीमाई इलाके तस्करी के आसान रूट हैं।

  • अंतरराष्ट्रीय रिंग: पुलिस ने बताया कि यह माफिया सिंडिकेट का हिस्सा है जो “गोल्डन ट्राएंगल” की सप्लाई इंडिया में करता है।

  • बेरोजगारी और युवाओं पर खतरा: नशे की गिरफ्त में सबसे तेज़ी से युवा आ रहे हैं।

पुलिस और अफसरों की क्या रणनीति है?

  • राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय

  • आस-पास के राज्यों से इंटेलिजेंस शेयरिंग

  • सीमाओं पर सख्त निगरानी

  • समाज में नशा-मुक्ति और जागरूकता अभियान

“यह कार्रवाई बताती है कि हमारी टीम सतर्क है और अंतरराष्ट्रीय तस्कर चाहे जितने जटिल तरीके अपनाएँ, उन तक पहुँच पाना अब आसान नहीं है”, – एक पुलिस अधिकारी का बयान

समाज और सरकार की भूमिका

मिजोरम में कई NGO, शिक्षक और पुलिस मिलकर नशा-मुक्ति के लिए स्कूल-कॉलेजों में सेंसिटाइजेशन कर रहे हैं। सरकार से मांग तेज़ है कि और जॉब एवं खेलकूद के मौके दिए जाएँ ताकि युवा इससे दूर रहें।

क्या यह कार्रवाई काफी है?

हालांकि इतनी बड़ी कार्रवाई से पूरे रैकेट पर चोट लगी है, अधिकारी और एक्सपर्ट्स मानते हैं कि असली चुनौती नेटवर्क की जड़ों को उखाड़ना है।

आगे की राह

पुलिस की जांच और गिरफ्तारियाँ आगे भी जारी रहेंगी। सरकार और समाज के साझा प्रयास से ही इस नशा-तस्करी को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।

Latest Updates: जैसे ही पुलिस या कोर्ट से जुड़ी कोई नई जानकारी मिलेगी, हम इस खबर को अपडेट करेंगे।
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