रक्षाबंधन का त्योहार हर साल भाई-बहन के प्यार और रक्षा के बंधन को मजबूत करता है। लेकिन जैसे-जैसे समय बदल रहा है, वैसे-वैसे इस त्योहार को मनाने के तरीके भी डिजिटल हो रहे हैं। अब भाई-बहन अगर एक-दूसरे से दूर हैं, तो वे वर्चुअल राखी के जरिए अपने प्यार का इजहार कर सकते हैं। हालांकि, इस डिजिटल दौर में ऑनलाइन शॉपिंग के साथ-साथ साइबर धोखाधड़ी का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है।
क्या है वर्चुअल राखी और कैसे हो रही है लोकप्रिय
वर्चुअल राखी एक डिजिटल माध्यम है, जिसके जरिए बहनें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अपने भाइयों को राखी भेजती हैं। इसमें फिजिकल राखी की तरह पैकिंग, पोस्ट करने की जरूरत नहीं होती, बल्कि कुछ ही क्लिक में डिजिटल राखी वीडियो, फोटो, एनीमेशन या वर्चुअल ग्रीटिंग के रूप में भेजी जाती है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो विदेशों या अन्य शहरों में रहते हैं और त्योहार के मौके पर मिल नहीं सकते।
ऑनलाइन गिफ्ट और शॉपिंग के नए ट्रेंड
वर्चुअल राखी के साथ-साथ डिजिटल गिफ्ट कार्ड, ऑनलाइन मिठाइयों की डिलीवरी और कस्टमाइज ग्रीटिंग्स भी ट्रेंड में हैं। कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म इस अवसर पर वर्चुअल राखी और राखी गिफ्ट के नाम पर डिस्काउंट्स और ऑफर दे रहे हैं। इस नए चलन ने रक्षाबंधन को और भी सुविधाजनक बना दिया है।
साइबर क्राइम बढ़ा रहा चिंता
जहां डिजिटल प्लेटफॉर्म रक्षाबंधन को और आसान बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर साइबर ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में कई फर्जी वेबसाइट्स और ऐप्स के जरिए लोगों से उनके बैंक खाते की जानकारी लेकर धोखाधड़ी की गई है। खासकर त्योहारों के समय जैसे वर्चुअल राखी या ऑनलाइन शॉपिंग पर आकर्षक ऑफर दिखाकर लोगों को जाल में फंसाया जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान
वर्चुअल राखी या किसी अन्य डिजिटल माध्यम से खरीदारी करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
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केवल भरोसेमंद वेबसाइट्स से ही खरीदारी करें।
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किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
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दो-चरणीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) का उपयोग करें।
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फर्जी ऐप्स से बचें और केवल ऑफिशियल स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें।
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कोई भी बैंकिंग जानकारी सोशल मीडिया पर साझा न करें।
सरकार और प्रशासन भी कर रहे अलर्ट जारी
रक्षाबंधन के मौके पर वर्चुअल राखी और ऑनलाइन खरीदारी को देखते हुए कई राज्य सरकारें और साइबर सेल अलर्ट जारी कर रही हैं। जैसे मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं को 'लाड़ली बहना योजना' की नई किस्त देने के साथ ही महिलाओं को डिजिटल रूप से सतर्क रहने की सलाह दी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल राखी की लोकप्रियता
अब वर्चुअल राखी सिर्फ शहरी लोगों तक सीमित नहीं है। इंटरनेट के प्रसार के साथ ग्रामीण महिलाएं और लड़कियां भी इस ट्रेंड का हिस्सा बन रही हैं। वे ऑनलाइन वीडियो कॉल, डिजिटल थाली सजावट और ग्रीटिंग के जरिए इस त्योहार को मना रही हैं।
डिजिटल इंडिया के साथ त्योहारों की डिजिटल तस्वीर
सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के चलते देश भर में ऑनलाइन लेन-देन, यूपीआई और डिजिटल माध्यमों का तेजी से विस्तार हुआ है। इसी का असर है कि रक्षाबंधन जैसे पारंपरिक त्योहार भी अब वर्चुअल राखी के रूप में एक नया रूप ले रहे हैं। यह बदलाव समय की मांग भी है और सुविधा का विस्तार भी।
भाई-बहन का रिश्ता बदला नहीं, बस तरीका बदला है
वर्चुअल राखी भले ही पारंपरिक धागे से अलग हो, लेकिन इसका भावनात्मक मूल्य उतना ही गहरा है। यह सिर्फ एक माध्यम है जो भाई-बहन के रिश्ते को तकनीक के सहारे दूरियों के बावजूद मजबूत बनाता है।
अंतिम शब्द
रक्षाबंधन अब सिर्फ एक पारंपरिक उत्सव नहीं रहा, बल्कि यह डिजिटल और वर्चुअल युग के अनुरूप खुद को ढाल चुका है। वर्चुअल राखी एक ऐसा जरिया बन गया है जो भाई-बहन के रिश्ते को तकनीकी रूप से जोड़ता है, वहीं साइबर सुरक्षा की अहमियत को भी रेखांकित करता है।