गुजारा भत्ता की मांग, PCS अफसर ज्योति मौर्या पर नोटिस

हाईकोर्ट पहुंचा मामला: PCS अफसर ज्योति मौर्या विवाद

उत्तर प्रदेश की चर्चित PCS अधिकारी ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्या का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार वजह है आलोक मौर्या की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई एक नई याचिका, जिसमें उन्होंने गुजारा भत्ता मांगा है।

इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने PCS अफसर ज्योति मौर्या को नोटिस भेज दिया है।

शादी से अफसर बनने तक – साथ छूटा पर विवाद नहीं

ज्योति मौर्या और आलोक मौर्या की शादी 2010 में हुई थी। उस समय आलोक होमगार्ड की नौकरी में थे और ज्योति प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। बाद में ज्योति ने PCS परीक्षा पास की और अफसर बन गईं।

शुरुआत में सब ठीक चला, लेकिन धीरे-धीरे रिश्ते में खटास आने लगी। 2023 में जब दोनों के बीच का निजी झगड़ा सोशल मीडिया तक पहुंचा, तब से यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है।

अब गुजारा भत्ता की मांग, कोर्ट में खुली नई फाइल

आलोक मौर्या का कहना है कि अब उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। न उनके पास कोई स्थायी आय का जरिया है और न ही भविष्य का कोई ठोस सहारा। इसलिए उन्होंने कोर्ट से गुजारा भत्ता मांगा है ताकि अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी चला सकें।

PCS अफसर ज्योति मौर्या के पति आलोक ने मांगा गुजारा भत्ता यह कहते हुए कि उन्होंने ज्योति की पढ़ाई, तैयारी और करियर में पूरा साथ दिया था। अब जब वो अफसर बन गई हैं, तो उन्होंने उन्हें छोड़ दिया है।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने इस याचिका पर तुरंत ध्यान देते हुए ज्योति मौर्या को नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई में तय होगा कि क्या आलोक मौर्या को गुजारा भत्ता मिलेगा या कोर्ट याचिका को खारिज करेगा।

गुजारा भत्ता आखिर होता क्या है?

गुजारा भत्ता यानी वो आर्थिक मदद जो पति या पत्नी में से कमजोर पक्ष को मिलती है। अगर कोई अपने दम पर गुज़ारा नहीं कर पा रहा है और सामने वाला आर्थिक रूप से मजबूत है, तो कानून उस इंसान को मदद देने का अधिकार देता है।

PCS अफसर ज्योति मौर्या के पति आलोक ने मांगा गुजारा भत्ता, ये दिखाता है कि अब पुरुष भी इस कानून का इस्तेमाल करने लगे हैं, जहां पहले सिर्फ महिलाओं की याचिकाएं ज्यादा दिखती थीं।

पति का दावा: "मैंने साथ दिया, अब साथ छोड़ दिया"

अपनी याचिका में आलोक मौर्या ने यह भी कहा कि उन्होंने हर मोड़ पर ज्योति का साथ दिया—चाहे वो कोचिंग हो, पढ़ाई हो या जीवन के संघर्ष। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब उन्हें आर्थिक, मानसिक और सामाजिक नुकसान हुआ है।

PCS अफसर ज्योति मौर्या के पति आलोक ने मांगा गुजारा भत्ता, और इस मांग की जड़ में यही भावनात्मक आघात और आर्थिक तंगी है।

समाज में चर्चा: क्या ये नया बदलाव है?

मामला सामने आते ही लोगों में चर्चा शुरू हो गई है। कुछ लोग कह रहे हैं कि ये पूरी तरह जायज़ मांग है, जबकि कुछ इसे प्रतिशोध मानते हैं। लेकिन जो बात सबसे खास है—PCS अफसर ज्योति मौर्या के पति आलोक ने मांगा गुजारा भत्ता, ये समाज में एक नया नजरिया पेश कर रहा है।

सोशल मीडिया की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं

इस केस को लेकर सोशल मीडिया पर खूब बातें हो रही हैं। कुछ लोग आलोक मौर्या के हक़ में हैं तो कुछ उन्हें आलोचना का शिकार भी बना रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि अगर महिला अफसर पति से अलग रह सकती हैं, तो पति को भी अपना हक लेने का अधिकार है।

अब आगे क्या?

अब अगली सुनवाई का सबको इंतजार है। कोर्ट यह तय करेगा कि गुजारा भत्ता बनता है या नहीं, और अगर हां, तो कितना। एक बात तो साफ है कि PCS अफसर ज्योति मौर्या के पति आलोक ने मांगा गुजारा भत्ता अब एक बड़ा कानूनी और सामाजिक मुद्दा बन गया है।

FAQ

ज्योति मौर्या उत्तर प्रदेश सरकार की एक PCS अधिकारी हैं, जो हाल ही में वैवाहिक विवाद को लेकर चर्चा में हैं।

आलोक मौर्या ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में गुजारा भत्ता के लिए याचिका दायर की है।

वर्तमान में आलोक मौर्या के पास कोई स्थायी आय का स्रोत नहीं है। वे पहले होमगार्ड के पद पर कार्यरत थे।

गुजारा भत्ता वह राशि होती है जो किसी भी पति या पत्नी को तलाक या अलगाव के बाद दी जाती है यदि वह आर्थिक रूप से निर्भर हो।

आलोक मौर्या का कहना है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर हैं और ज्योति अब सक्षम अधिकारी हैं, इसलिए उन्हें भत्ता मिलना चाहिए।

हां, कोर्ट ने ज्योति मौर्या को नोटिस भेजते हुए जवाब तलब किया है।

हां, 2023 में यह मामला सोशल मीडिया और मीडिया में काफी चर्चित रहा था।

अभी तक ज्योति मौर्या की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

हां, यदि पति आर्थिक रूप से निर्भर हो तो वह भी गुजारा भत्ता की मांग कर सकता है।

हां, कानून दोनों पक्षों को यह अधिकार देता है कि वे गुजारा भत्ता की मांग कर सकें, यदि वे ज़रूरतमंद हों।