छांगुर बाबा पर धर्मांतरण और यौन शोषण का मामला उजागर

छांगुर बाबा पर जबरन धर्मांतरण का बड़ा खुलासा

लखनऊ/सहारनपुर | 17 जुलाई 2025 |
धर्म के नाम पर देश में लंबे समय से चल रहे विवादों के बीच एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस बार नाम है छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन, जिस पर धार्मिक रूपांतरण का अंतरराष्ट्रीय गिरोह चलाने, महिलाओं को फँसाकर जबरन धर्म बदलवाने, और यौन शोषण के संगीन आरोप लगे हैं। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में इस पूरे मामले का पर्दाफाश तब हुआ, जब एक पीड़िता ने अपनी आपबीती सार्वजनिक रूप से साझा की

एक सोशल मीडिया फ्रेंड रिक्वेस्ट से शुरू हुआ सिलसिला

यह कहानी 2019 में शुरू होती है, जब कर्नाटक की रहने वाली एक युवती को इंस्टाग्राम पर 'राजू राठौर' नाम के एक शख्स की फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है। बातचीत बढ़ती है, विश्वास बनता है और फिर वह युवती उसे पसंद करने लगती है। कुछ ही समय बाद पता चलता है कि वह व्यक्ति असल में 'वसीम' है। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

वसीम उस युवती को दुबई में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर विदेश भेजता है। युवती के अनुसार, दुबई पहुंचने के बाद उससे जबरन निकाह कराया जाता है, उसका नाम ‘आयशा’ रख दिया जाता है और फिर इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया जाता है।

‘तू अब हमारी है, वापस नहीं जा सकती’ – पीड़िता का बयान

पीड़िता बताती है कि जब उसने धर्म परिवर्तन और शादी से इनकार किया, तो उसके साथ गंभीर मारपीट की गई। वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया गया और मानसिक उत्पीड़न का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ, जो कई महीनों तक चला।

कुछ वक्त बाद उसे वापस भारत लाया गया, लेकिन राहत की बजाय पीड़ा और बढ़ गई। उसे सहारनपुर के एक घर में बंधक बनाकर रखा गया, जहां छांगुर बाबा और उसके सहयोगी धर्मांतरण की ट्रेनिंग, नव मुस्लिम नाम और रिवाज सिखाने में लगे रहे।

“मुझे समझ आया कि मैं किसी संगठित गिरोह का हिस्सा बन चुकी हूँ, जहां मेरी मर्जी, मेरी पहचान और मेरा धर्म – सब छीन लिया गया।” – पीड़िता

धर्म के नाम पर धंधा?

पीड़िता के आरोपों के अनुसार, छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन का नेटवर्क बेहद संगठित और अंतरराष्ट्रीय स्तर का है। युवतियों को पहले फेक सोशल मीडिया प्रोफाइल के जरिए फंसाया जाता है। फिर उन्हें विदेश में अच्छी नौकरी का सपना दिखाया जाता है, और अंत में उन्हें जबरन निकाह और इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया जाता है।

गिरफ्तारी के बाद सामने आए दस्तावेजों और जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, इस पूरे नेटवर्क को विदेशों से 300 करोड़ रुपये तक की फंडिंग मिली है, जो नेपाल के जरिए हवाला चैनल से भारत पहुंचाई गई।

ATS, ED, STF की टीमें सक्रिय, कई गिरफ्तारियां

यूपी ATS, STF और ED इस पूरे मामले की सामूहिक जांच कर रही हैं। अब तक छांगुर बाबा समेत 11 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कई जगहों पर छापेमारी चल रही है और बाबा की करोड़ों की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है।

बताया जा रहा है कि छांगुर बाबा ‘धार्मिक उपचार’ के नाम पर सत्संग और आध्यात्मिक कैम्प आयोजित करता था, जहां से युवतियों को निशाना बनाया जाता था। जांच में यह भी सामने आया है कि बाबा फर्जी दस्तावेज बनाकर शादी और वीज़ा प्रक्रिया को आसान बनाता था, ताकि पीड़िताएं विदेश भेजी जा सकें।

पीड़िता का ‘शुद्धिकरण’ और लौटने की जद्दोजहद

काफी संघर्ष और साहस के बाद, पीड़िता किसी तरह बाबा के चंगुल से बाहर निकलने में कामयाब होती है। हिंदू रक्षा परिषद और पुलिस की मदद से वह लखनऊ पहुंचती है, जहां 3 जून को उसका शुद्धिकरण कराया गया।

आज भी वह युवती डर में जी रही है। उसके अनुसार, छांगुर बाबा का नेटवर्क अभी भी पूरे देश में फैला हुआ है, और वह किसी भी कीमत पर अपने राज़ बाहर नहीं आने देना चाहते।

“मुझे अब भी धमकियाँ मिल रही हैं। मेरा फोन ट्रैक हो रहा है। लेकिन अब मैं चुप नहीं रहूंगी।” – पीड़िता

क्या देश में चल रहा है ‘धार्मिक रूपांतरण सिंडिकेट’?

इस मामले के खुलासे ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – क्या भारत में किसी बड़े स्तर पर धार्मिक रूपांतरण का संगठित जाल फैला हुआ है? जांच एजेंसियों का कहना है कि यह कोई अकेला मामला नहीं है

छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद 2 अन्य युवतियों ने भी आगे आकर अपने साथ हुए शोषण और रूपांतरण की कहानी साझा की है। साथ ही ये दावा किया गया कि देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश भी इस गिरोह की सोच में शामिल थी।

राजनीति और सामाजिक प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले पर राजनीतिक और धार्मिक संगठनों में भी तीखी प्रतिक्रियाएँ आई हैं।

  • उत्तर प्रदेश सरकार ने इस केस को "राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला" बताया है।

  • विपक्ष ने इस मुद्दे को सांप्रदायिक बनाने का आरोप लगाया है।

  • धर्मगुरु और सामाजिक कार्यकर्ता इसे समाज और धर्म दोनों पर हमला मान रहे हैं।

निष्कर्ष: क्या यह सिर्फ शुरुआत है?

छांगुर बाबा का मामला शायद सिर्फ एक परत खोलता है। देश में ऐसे कितने छद्म संत और बाबा मौजूद हैं, जो धर्म की आड़ में मानव तस्करी, यौन शोषण और जबरन धर्म परिवर्तन जैसे अपराधों को अंजाम दे रहे हैं?

आज जरूरत है सतर्क रहने की, सोशल मीडिया पर आंख मूंदकर किसी पर भरोसा न करने की, और ऐसे मामलों पर संवेदनशील लेकिन कड़ी कार्रवाई की।

 

 

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